17 सितंबर को अमेरिकी फ़ेड की संभावित दर कट के सामने सोना‑चांदी के भाव में बड़ी गिरावट देखी गई। MCX पर सोने की कीमत 0.23 % गिरकर 1,09,900 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1.02 % गिरकर 1,27,503 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। लाभ‑उठाने की कार्रवाई और फ़ेड के निर्णय की अनिश्चितता ने इस गिरावट को जन्म दिया। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में स्पॉट सोना हल्की बढ़ोतरी दिखा रहा है, जबकि भारतीय बाजार में संशोधित स्तर मिलजुल कर बदल रहे हैं। विशेषज्ञों ने दी दीर्घकालिक सकारात्मक फॉरवर्ड‑व्यू, परन्तु अल्पकाल में सावधानी की सलाह दी।
MCX पर लेटेस्ट अपडेट और शुरुआती के लिए आसान गाइड
क्या आपने कभी सोचा है कि सोना, तेल या चारा जैसे कमोडिटी कैसे काम करते हैं? अगर आप निवेश करने का सोच रहे हैं तो MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) आपका पहला ठिकाना बन सकता है। यहाँ हम समझेंगे कि MCX क्या है, कैसे ट्रेड करो और कौन‑से संकेत देखना चाहिए।
MCX का बेसिक समझ
MCX भारत का सबसे बड़ा कमोडिटी एक्सचेंज है जहाँ सोना, चांदी, तांबा, तेल, कॉफी आदि के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेड होते हैं। फ्यूचर का मतलब है कि आप आज के दाम पर भविष्य की डिलीवरी पर साइड बुक करते हैं। अगर आप सही दिशा में सट्टा लगाते हैं तो मुनाफ़ा बढ़ता है, वरना नुकसान भी हो सकता है।
शुरूआत कैसे करें?
पहला कदम है—एक भरोसेमंद ब्रोकर चुनना। लखनऊ में कई ब्रोकर हैं जो ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म देते हैं। खाता खोलते समय KYC फॉर्म भरें, बैंक खाता लिंक करें और मार्जिन सेट करें। मार्जिन वो गुंजाइश है जो आपको ट्रेड करने के लिए ब्रोकर देता है, इसलिए इसे समझकर ही उपयोग में लाएं।
खाते में पैसा डालने के बाद, प्लेटफॉर्म पर MCX सेक्शन खोलें और वो कमोडिटी चुनें जिसमें आप इंटरेस्टेड हैं। फिर ‘बाय’ या ‘सेल’ बटन दबाएँ। अगर आपको लगता है कीमत आगे बढ़ेगी तो बाय, गिरने की उम्मीद है तो सेल। एक बार ऑर्डर पेंडिंग हो जाए तो आपको स्टॉप‑लॉस और टार्गेट सेट करना चाहिए। ये दो लाइनें आपके जोखिम को सीमित करती हैं।
ट्रेडिंग शुरू करने से पहले बेसिक चार्ट पढ़ना सीखें। मूल्य का चार्ट, वॉल्यूम और ट्रेंड लाइनें देख कर आप समझ सकते हैं कि बाजार में क्या चल रहा है। अगर चार्ट ऊपर की ओर जा रहा है और वॉल्यूम भी बढ़ रहा है, तो बाय करने का मौका हो सकता है। उल्टा, नीचे की ओर गिरावट और कम वॉल्यूम से सेल का सिग्नल मिलता है।
अब बात करते हैं कुछ लोकप्रिय कमोडिटी की—सोना और तेल। सोने का रिवर्सल अक्सर आर्थिक अस्थिरता में देखा जाता है, इसलिए जब पैसे की किफ़ायती कमी महसूस हो तो सोने का दाम बढ़ता है। तेल की कीमतें वैश्विक मांग‑सप्लाई पर निर्भर करती हैं, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय खबरें पढ़ना फायदेमंद रहता है।
लखनऊ के निवेशकों के लिए एक खास टिप है—स्थानीय आर्थिक खबरें भी देखिए। अगर निकटवर्ती फैक्ट्रियों में उत्पादन बढ़ता है तो कॉपर या एल्यूमिनियम की कीमतें असर में आ सकती हैं। इसी तरह, मौसम के बदलते पैटर्न से कृषि कमोडिटी, जैसे की गेहूँ और जौ, पर असर पड़ता है।
ट्रेडिंग के समय भावनाओं को किनारे रखें। कई बार हम नुकसान से डरकर जल्दी‑जल्दी एंट्री‑एक्ज़िट कर लेते हैं, जिससे नुकसान बढ़ता है। एक प्लान बनाएं, डिसिप्लिन रखें और रोज़ाना थोड़ा समय मार्केट को देख कर अपडेट रहें।
टैक्स की बात करना न भूलें। MCX ट्रेडिंग से मिले लाफ़्ट को कैपिटल गेंस माना जाता है, इसलिए साल के अंत में टैक्स फाइलिंग के दौरान इसे सही ढंग से रिपोर्ट करना ज़रूरी है। कुछ ब्रोकर टैक्स सर्टिफिकेट भी देते हैं जो काम आएगा।
अंत में, MCX ट्रेडिंग एक सीखने की प्रक्रिया है। शुरुआती में छोटे मार्जिन से शुरू करें, धीरे‑धीरे अनुभव जुटाएँ और फिर बड़ी पोज़िशन लें। अगर आप नियमित रूप से बाजार को फॉलो करेंगे और सही डाटा पर भरोसा करेंगे तो कमोडिटी मार्केट में सफल होना संभव है। लखनऊ के साथियों, अब आप तैयार हैं—चलें, MCX पर अपनी पहली ट्रेडिंग शुरू करें!