प्रो कबड्डी लीग का बारहवां सीजन 29 अगस्त से 23 अक्टूबर 2025 तक चार भारतीय शहरों में होगा। विजाग में पहला मैच, फिर जयपुर, चेन्नई और दिल्ली में कई मैचों के साथ 108 लीग मैच तय हैं। हार्डनिया स्टीलर्स अपना डिफेंडर टाइटल बचाने की कोशिश करेंगे।
प्रो कबड्डी लीग का पूरा परिचय
बहुत लोग पूछते हैं, प्रो कबड्डी लीग आखिर क्यों इतनी हिट है? असली बात यह है कि कबड्डी सिर्फ एक खेल नहीं, ये नाबालिगों के छोरे‑छोरियों की ताकत, तेज़ी और टीमवर्क का मज़ा है। जब टीवी पर तेज़‑तेज़ रेफ़री के सिग्नल, चमकते लाइट और भीड़ का शोर गूंजता है, तो हर रैवल के साथ दिल धड़कता है।
अगर आप अभी‑भी कबड्डी के फ़ैन हैं या समझना चाहते हैं कि इस लीग में क्या चल रहा है, तो यह गाइड आपके लिए है। हम बात करेंगे टीमों की, प्लेयर प्रोफ़ाइल की, मैच देखने के आसान तरीकों की, और साथ ही कबड्डी के बेसिक नियमों की भी, ताकि आप हर पॉइंट पर खुद को समझ सकें।
टीमों और प्लेयर प्रोफ़ाइल
प्रो कबड्डी लीग में 12 टीमें हैं, जैसे दिल्ली डायनामो, पंजाब पैंथर्स, बेंगलुरु ब्लास्टर्स। हर टीम में 7 स्ट्राइकर और 5 एवरी (डिफेंडर) होते हैं। स्ट्राइकर रैवल के दौरान जितना रैव करना है, उतना ही पॉइंट मिलता है, और एवरी का काम है उन्हें टैकल करके बाहर निकालना।
प्लेयर्स की बात करें तो पावेल (पावेल सिंगह) और अनिल (अनिल कौर) जैसे स्टार अक्सर हिट में रहते हैं। ये खिलाड़ी अक्सर 30‑40 रैव में 15‑20 पॉइंट जुटा लेते हैं। अगर आप उनके फ़ैन्स हैं, तो सोशल मीडिया पर उनके स्टेटस, ट्रेनिंग वीडियो और इंटर्व्यू देख सकते हैं—एसे फॉलो करने से कबड्डी की समझ बढ़ती है।
मैच देखना और स्टेटिस्टिक्स
मैच देखने के लिए दो मुख्य विकल्प हैं: टेलिविज़न और ऑनलाइन स्ट्रिमिंग। टीवी पर स्वातंत्र्य फ़्लैट के चैनल हर शनिवार‑रविवार शाम 7 बजे से ट्रांसमिट करते हैं। अगर आप मोबाइल से देखना चाहते हैं, तो JioCinema, SonyLIV या Hotstar जैसे ऐप में लाइव स्ट्रिम मिलती है। अक्सर इन प्लेटफ़ॉर्म पर टिप्पणी फ़ीचर भी रहता है, जिससे आप फ़ैन कम्युनिटी के साथ चर्चा कर सकते हैं।
स्टेटिस्टिक्स में सबसे ज़रूरी डेटा है ‘टॉप स्कोरर’, ‘बेस्ट रैवलर’ और ‘मिनिमम रिटर्न रेट’। इन आँकड़ों को देख कर आप अगले मैच में कौन सी टीम या प्लेयर को बुकमार्क कर सकते हैं। हर सीज़न के अंत में ‘पॉइंट टेबल’ भी मिलती है, जो दिखाती है कौन सी टीम प्ले‑ऑफ़ में पहुँची।
यदि आप खुद कबड्डी खेलना शुरू करना चाहते हैं, तो स्थानीय कबड्डी क्लब में जुड़ें। कई शहरों में ‘मैत्री कबड्डी क्लब’ या ‘ज्यादातर कबड्डी अकैडमी’ होते हैं, जहाँ ट्रेनर बेसिक रैवल, टैक्लिंग और फिटनेस सिखाते हैं। यह फिटनेस और टीमवर्क दोनों के लिए बेहतरीन है।
अंत में यह कहें तो प्रो कबड्डी लीग सिर्फ खेल नहीं, यह एक फ़न फ़ॅक्टरी है जहाँ हर रैवल में कहानी होती है। चाहे आप एक दिलचस्प फ़ैन्स हों या नया खिलाड़ी, इस गाइड से आप कबड्डी के हर कोने को समझ पाएँगे। अब तो बस सीजन के अगले मैच का इंतज़ार करें, स्नॅक लेके, और ज़ोर‑ज़ोर से ‘जिंदाबाद कबड्डी!’ चिल्लाइए।