बुंदेलखंड में महाविजय एक विशेष कारण से समाजवादी पार्टी के लिए एक कठिन चुनौती रही है, वास्तव में राज्य के अन्य हिस्सों की तरह..बुंदेलखंड में, यादव-मुस्लिम समीकरण पर जोर नहीं दिया जाता है, यहां जाति-जमात की राजनीति चलती है.. जिसमें एससी-एसटी और ओबीसी से लेकर..अगले वर्ग तक बड़ी संख्या में मतदाता हैं।
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