छत्तीसगढ़ समाचार: छत्तीसगढ़ के बस्तर में सरकार की श्वेत क्रांति परियोजना फ्लॉप साबित हो रही है. योजना का उद्देश्य गौ पालन से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देकर ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराना था। लेकिन पिछले 4 साल से जिला प्रशासन की उपेक्षा के कारण यह योजना बदहाल है. शहर से सटे तुरेनार गांव में पशुओं को रखने के लिए एक करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से बना डेयरी फार्म भी खंडहर में तब्दील हो गया है.
लाखों रुपए का डेयरी फार्म उपेक्षा का शिकार
किसानों ने बताया कि 4 साल पहले जिला प्रशासन ने गाय पालन कर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गांव में डेयरी फार्म बनाया था. इसका उद्देश्य समिति के सदस्यों को रोजगार और पशुओं को रखने के लिए जगह उपलब्ध कराना था। शेड का निर्माण करीब एक करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से किया गया है। लेकिन बिजली और पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। पानी और बिजली के अभाव में गाय किसानों ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। शेड का निर्माण लाखों रुपये की लागत से किया गया था लेकिन प्रशासन ने संचालन व्यवस्था पर विशेष ध्यान नहीं दिया। समितियों ने मवेशियों को शेड में रखना बंद कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2017 में तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने ग्रामीणों को रोजगार देने, लघु उद्योग, मशरूम उत्पादन और अन्य रोजगारोन्मुखी कार्यों की बात कही थी. डेयरी फार्म के स्थान पर ही इसे ग्रामीण कुटीर उद्योग के रूप में स्थापित किया जाना था, मसालों के लघु उद्योग तथा अन्य रोजगारोन्मुखी गतिविधियों को प्रारंभ किया जाना था। इसकी रूपरेखा जिला पंचायत स्तर पर तैयार की जा रही थी, लेकिन अब योजना पूरी तरह ठंडे बस्ते में है.
सूरजपुर क्राइम : सूरजपुर में बेटे ने पैसे के लिए मां की हत्या की, जानिए कैसे पहुंची पुलिस आरोपी तक?
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया उद्घाटन
जिला प्रशासन भी लाखों रुपये की लागत से बने डेयरी फार्म में कोई नई योजना शुरू करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. बस्तर कलेक्टर रजत बंसल का कहना है कि परियोजना को दोबारा शुरू करने पर संबंधित विभाग से बात की जाएगी. कलेक्टर ने ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के बाद भी योजना बनाने की बात कही है. गौरतलब है कि श्वेत परियोजना की शुरुआत 4 साल पहले बड़े उत्साह के साथ की गई थी और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने डेयरी शेड का उद्घाटन किया था. लेकिन अब 4 साल बाद डेयरी शेड पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया है और करीब एक करोड़ 80 लाख रुपये की सरकार की ओर से उपेक्षा की जा रही है.
छत्तीसगढ़ समाचार: दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं राज्यपाल अनुसुइया उइके ने विदेश में पढ़ रहे बस्तर के छात्रों से की ये अपील
,