नर्मदा जयंती: नदियों ने मानव सभ्यता और संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारी सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ और यहीं पर संस्कृतियां पनपीं। हमारे देश में नीर, नारी और नाड़ी सभी पूजनीय हैं। इसी दृष्टि से राज्य की जीवनदायिनी मां नर्मदा के प्रति कृतज्ञता की भावना व्यक्त करने के लिए नर्मदा जयंती पर “निर्झरनी महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। मां नर्मदा के तट पर विकसित विभिन्न सांस्कृतिक रूपों को राज्य के 11 जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा.
कहां होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ल ने बताया कि ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ में नर्मदा जयंती 8 फरवरी की शाम 6:30 बजे से उद्गम स्थल नर्मदा, अमरकंटक, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, होशंगाबाद, नेमावर (देवास), बर्मन घाट (नरसिंहपुर), ओंकारेश्वर (खंडवा), मंडलेश्वर (खरगोन), दही (धार) और बड़वानी जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
फिल्म दिखाई जाएगी
इन सभी स्थानों पर रामायण में वर्णित वनवासी पात्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए आदिवासी और लोक नृत्य, लीला नाट्य गायन, वडन के संगीत प्रदर्शन के साथ-साथ नर्मदा कथाओं पर आधारित आदिवासी चित्रों की प्रदर्शनी, केंद्रित चित्र प्रदर्शनी और फिल्म स्क्रीनिंग की जाएगी। स्थानीय प्रशासन द्वारा इस अवसर पर आरती, प्रभात फेरी आदि गतिविधियां की जाएंगी। विशेष रूप से मां नर्मदा पर केंद्रित फिल्म ‘जीवन रेखा’ और ‘नर्मदा नदी का राग’ दिखाई जाएगी।
निर्झरानी महोत्सव में कहां होगा
वनवासी लीला नाट्य ‘निषादराज गुहा’ नर्मदा मंदिर परिसर, अमरकंटक (अनूपपुर) में गुरु प्रसन्नदास के निर्देशन में किया जाएगा। वहीं शिवप्रसाद धुर्वे व साथी गोंड गुडुंबजा नृत्य, लामुलाल धुर्वे द्वारा गोंड कर्मा-सैला नृत्य व साथी बैगा परघुनी-कर्मा नृत्य दिलीप कुमार व साथियों द्वारा किया जाएगा। महोत्सव में नर्मदा नदी की जीवन रेखा और राग की स्क्रीनिंग की जाएगी। महोत्सव में वन निवासी लीला निषादराज गुहा नाथ, राजस्थान द्वारा गोंड समुदाय एवं शैली में प्रचलित नर्मदा कथा पर केन्द्रित चित्र प्रदर्शनी भी लगेगी।
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय डिंडोरी में गुरु निर्मलदास के निर्देशन में वन निवासी लीला नाट्य भक्तिमति शबरी की प्रस्तुति दी जाएगी। महोत्सव में दूसरी प्रस्तुति जियालाल और साथी द्वारा गोंड कर्मा-सैला नृत्य, पद्मश्री अर्जुन सिंह धुर्वे द्वारा बैगा कर्म नृत्य और मायाराम धुर्वे और साथी द्वारा गोंड गुडुंबजा नृत्य की प्रस्तुति होगी। महोत्सव में गोंड समुदाय में प्रचलित नर्मदा कथा के चित्र और वनवासी लीला नाट्य भक्तिमती शबरी चेरियालपट्टम शैली, आंध्र प्रदेश आधारित चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।
पद्मश्री मालिनी अवस्थी, लखनऊ द्वारा अवधी गायन रापाटा घाट, मंडला, बैगा-कर्मा नृत्य सोंसाई बैगा और साथियों द्वारा, गोंड सैला-रीना नृत्य बलबीर सिंह और साथियों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। महोत्सव में जीवन रेखा और नर्मदा नदी के राग की फिल्म स्क्रीनिंग होगी। महोत्सव में गोंड समाज में प्रचलित नर्मदा कथा के चित्र पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। जबलपुर के भेड़ाघाट में वैशाली गुप्ता एवं साथियों द्वारा नर्मदा नृत्य नाटिका, लक्ष्मी दुबे द्वारा भक्ति गायन एवं राजकरण पटेल एवं साथियों द्वारा लोक गायन एवं लोक गायन प्रस्तुत किया जाएगा।
बर्मन घाट, नरसिंहपुर में कीर्ति प्रमाणिक एवं साथियों द्वारा नर्मदा नृत्य नाटक, मुस्कान चौरसिया द्वारा भक्ति गायन एवं आशीष श्रीवास्तव एवं साथियों द्वारा लोक गायन प्रस्तुत किया जाएगा। लता सिंह मुंशी द्वारा नर्मदा नृत्य-नाटक प्रस्तुत किया जाएगा और साथी, नृत्य-नाटक और गायन कपिल शर्मा और साथी द्वारा सेठानी घाट, होशंगाबाद में प्रस्तुत किया जाएगा। नगर घाट, नेमावर (देवास) में नर्मदा नृत्य-नाटक अर्चना कुमार और साथी, नर्मदा केंद्रित गायन सुनील शुक्रवार और साथी और लोक गायन अभिषेक सेन और साथी द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।
कला यात्रा शाम 5 बजे रामघाट, मंडलेश्वर, खरगोन से शुरू होगी. इसके बाद शाम साढ़े सात बजे से मां नर्मदा की आरती व दीपदान कार्यक्रम होगा। महोत्सव में सुचित्रा हरमलकर, कार्तिक कला केंद्र, इंदौर द्वारा अमृत्स्य नर्मदा नृत्य नाटक की प्रस्तुति दी जाएगी। पुलिस ग्राउंड दही (धार) में आयोजित महोत्सव में शाम पांच बजे से कला यात्रा और शाम साढ़े पांच बजे से मां नर्मदा की आरती व दीपदान कार्यक्रम होगा. अगले क्रम में संजय महाजन एवं साथियों द्वारा अमृत्स्य नर्मदा नृत्य नाटिका, राजेश सांखला द्वारा गायन इंदौर तथा नीलांगी कलंत्रे जबलपुर द्वारा कथक सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा।
कला यात्रा शिवकुंज आशाग्राम, बड़वानी में शाम 5 बजे से शुरू होगी और शाम 7:30 बजे से मां नर्मदा की आरती व दीपदान कार्यक्रम होगा. महोत्सव में अनुषा जैन, इंदौर, माधव बारिक, भोपाल का ओडिसी नृत्य अमृत्य नर्मदा नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेगा। पलक पटवर्धन एवं समूह उज्जैन, निनाद नृत्य अकादमी, उज्जैन नर्मदा स्तुति एवं मालवी गायन के लिए धन्य नर्मदे, सुषमा व्यास एवं समूह उज्जैन, मनीषा शास्त्री एवं समूह महेश्वर नर्मदा स्तुति एवं निमाड़ी लोक गायन प्रस्तुत करेंगे.
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