पंचायत चुनाव पर एमपी उच्च न्यायालय: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सात साल पुराने परिसीमन और आरक्षण पर हो रहे पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को रोकने की मांग भले ही खारिज कर दी हो, लेकिन अब ओमाइक्रोन की धमकी का हवाला देकर चुनाव स्थगित करने की मांग की गई है. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि कोविड की तीसरी लहर कोरोना के एक रूप ओमाइक्रोन के रूप में दस्तक दे सकती है और ऐसे में पंचायत चुनाव स्थगित कर दिया जाना चाहिए. इस नई याचिका पर सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.
पंचायत चुनाव बन सकता है कोरोना स्प्रेडर
याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग भले ही कोरोना से बचाव के लिए एहतियात बरतने की बात कर रहा हो, लेकिन नए वेरिएंट ओमाइक्रोन की संक्रामकता चिंता का विषय है. याचिकाकर्ता के वकील अनूप सिंह बघेल के मुताबिक चुनावी भीड़ जमा होने की आशंका के चलते पंचायत चुनाव कोरोना फैलाने वाले साबित हो सकते हैं. हाईकोर्ट में छोटेलाल साकेत नाम के याचिकाकर्ता की ओर से दायर इस याचिका में पंचायत चुनाव को कोरोना की तीसरी लहर के खत्म होने तक टालने की मांग की गई है. इस याचिका पर 15 दिसंबर को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
गौरतलब है कि गुरुवार को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. करीब 40 मिनट तक चली सुनवाई के बाद प्रधान न्यायाधीश रवि मलीमठ की पीठ ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. अदालत ने राज्य चुनाव आयोग के उस तर्क को स्वीकार कर लिया, जिसमें कहा गया था कि एक बार चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव स्थगित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने भी इसी तरह की याचिकाओं की सुनवाई के दौरान चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. याचिकाकर्ताओं के वकील विवेक तन्खा ने कहा है कि अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है.
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