यूपी चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार चुनाव आयोग द्वारा कोविड-19 के चलते रैलियों पर रोक लगाने के बाद राजनीतिक दलों ने डिजिटल प्रचार की ओर रुख किया है. ऐसे में पुलिस राजनीतिक दलों के डिजिटल कैंपेन पर भी नजर रखने लगी है. मेरठ रेंज में पहले चरण में चुनाव होने हैं, ऐसे में मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार ने सोशल मीडिया रिसर्च टीम तैयार की है जो राजनीतिक दलों के डिजिटल कैंपेन पर नजर रखेगी. दिल्ली से सटे एनसीआर में पहले चरण में 10 फरवरी को वोटिंग होगी. आईजी रेंज प्रवीण कुमार ने सोशल मीडिया रिसर्च टीम को सक्रिय कर दिया है ताकि कोई भी सोशल मीडिया पर मतदाताओं को लुभाने, डराने-धमकाने और भड़काने की हिम्मत न कर सके.
मेरठ में 10 फरवरी को मतदान होगा
10 फरवरी को मेरठ समेत आसपास के जिलों में मतदान होना है. ऐसे में जहां पुलिस प्रशासन मतदान को निष्पक्ष व शांतिपूर्ण बनाने की कवायद में लगा हुआ है. साथ ही प्रचार के नए तरीके के तौर पर इस्तेमाल हो रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी नजर रखना जरूरी हो गया है. फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम समेत कई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन दिनों राजनीतिक पोस्ट तैर रहे हैं। इन राजनीतिक बयानों और विचारों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का लाभ उठाकर कोई जातिवादी धार्मिक उन्माद न फैलाएं। पुलिस इस पर कड़ी नजर रखे हुए है कि क्या राजनेता जनता का समर्थन हासिल करने के चक्कर में माहौल खराब करें।
साइबर विशेषज्ञ नजर रख रहे हैं
मतदाताओं को लुभाने, डराने और माहौल खराब करने वाली पोस्ट पर पुलिस के साइबर एक्सपर्ट नजर रखे हुए हैं. इन दिनों चुनाव और राजनीतिक पदों की गंभीरता से जांच की जा रही है। जो भी सामग्री विवादास्पद, अभद्र या अभद्र भाषा में पाई जाती है, पुलिस उसका संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई कर रही है। आचार संहिता की घोषणा के बाद मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार ने सोशल मीडिया रिसर्च टीम का गठन किया है. इसके अलावा इस दायरे में आने वाले सभी जिलों को सोशल मीडिया पर चल रहे राजनीतिक पोस्ट पर विशेष नजर रखने के निर्देश जारी किए गए हैं ताकि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके.
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