यूपी विधानसभा चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा में अब महज दो हफ्ते बाकी हैं. ऐसे में जहां बीजेपी एक के बाद एक कई समुदायों को साधने की रणनीति बना रही है. वहीं, बीजेपी दो दिनों से दिल्ली में इस बात पर मंथन कर रही है कि ब्राह्मण समुदाय से कैसे संपर्क किया जाए. बीजेपी ब्राह्मणों के बीच अपना काम फैलाकर वोट हासिल करने के लिए खास रणनीति तैयार कर रही है.
ब्राह्मणों की खेती के लिए बनी कमेटी
उत्तर प्रदेश में नाराज ब्राह्मण समुदाय को शांत करने के लिए बीजेपी ने राज्यसभा सांसद और पूर्व वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. जिसमें गौतमबुद्धनगर से सांसद डॉ. महेश शर्मा, भाजयुमो के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अभिजीत मिश्रा और गुजरात से सांसद राम भाई मुकारिया को रखा गया है. यूपी में चुनाव के दौरान ब्राह्मण समुदाय को साधना कैसे करनी है और किन ब्राह्मण नेताओं को अपनी ड्यूटी कहां लगानी है, इसका काम यह कमेटी करेगी.
भाजपा सम्मानित
पूर्व वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि समाजवादी पार्टी जिस तरह से लगातार प्रचार कर रही है कि हमने ब्राह्मणों को नुकसान पहुंचाया है. अब हम ब्राह्मणों के बीच जाकर बताएंगे कि हमने ज्यादा से ज्यादा सांसद, मंत्री और विधायक बनाने का काम किया है. वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि आज मेरे सहित कई मंत्री राज्य में हैं. बीजेपी ने उन लोगों को सम्मान देने का काम किया है.
कानून मंत्री ने सौंपा पत्र
उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की मांग पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को मांगों से जुड़ा एक पत्र सौंपा. जिसमें लखनऊ में एक चौराहे का नाम भगवान परशुराम के नाम पर रखने की बात कही गई थी। वहीं शाहजहांपुर में भी भगवान परशुराम की जन्मस्थली को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग की गई है.
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