इस दिन शेन वार्न टेस्ट डेब्यू मैच: वर्ष 1992, सिडनी में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड। भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे का तीसरा टेस्ट मैच। तारीख 2 जनवरी थी। भारत ने टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण का फैसला किया। उस समय किसी को नहीं पता था कि डेब्यू मैच खेलने के लिए मैदान में उतरने वाला ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी विश्व क्रिकेट का महान गेंदबाज बन जाएगा। यह मैच उस खिलाड़ी के लिए खास था क्योंकि वह इंटरनेशनल डेब्यू टेस्ट खेल रहा था, लेकिन इस मैच में एक भारतीय खिलाड़ी ने भीड़ को लूट लिया। जानिए कैसे हुआ ऐसा…
टीम इंडिया 1992 में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी। इस दौरान उन्हें पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी थी। टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच 2 जनवरी से खेला गया था। यह शेन वार्न का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू मैच था। यह मैच न सिर्फ उनके लिए खास था, बल्कि रवि शास्त्री के लिए भी बेहद खास हो गया था। वजह थी शास्त्री का मजबूत दोहरा शतक।
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भारत ने टॉस जीता और क्षेत्ररक्षण के लिए चुना। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 313 रन बनाए। जवाब में टीम इंडिया पहली पारी खेलने उतरी। भारत की ओर से ओपनिंग करने आए रवि शास्त्री और नवजोत सिंह सिद्धू। सिद्धू बिना खाता खोले ही आउट हो गए। लेकिन शास्त्री ने खूंटी चिपका दी और वह अपने पैरों से खेलने लगा। उन्होंने 477 गेंदों में 206 रन बनाए। शास्त्री ने इस पारी में 17 चौके और 2 छक्के लगाए। उनकी इस पारी की बदौलत टीम इंडिया ने पहली पारी में 483 रन बनाए।
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इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पारी खेलने के लिए मैदान में उतरी। इस दौरान वो ज्यादा देर क्रीज पर टिक नहीं पाई और 8 विकेट के नुकसान पर 173 रन बना लिए। लेकिन मैच का पांचवा दिन होने के कारण मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। शास्त्री ने इस दौरान 25 रन देकर 4 विकेट भी लिए। उनकी अच्छी बल्लेबाजी और गेंदबाजी के लिए उन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया। इस तरह शेन वॉर्न का डेब्यू मैच रवि शास्त्री के नाम रहा।
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