संसद में नागालैंड नागरिक हत्या की घटना: नागालैंड में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 14 लोगों के मारे जाने का मुद्दा आज संसद में उठ सकता है और बवाल हो सकता है. विपक्ष पूरी तैयारी के साथ सरकार को घेर सकता है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी नेता राहुल गांधी ने रविवार को सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा था, ‘गृह मंत्रालय क्या कर रहा है?’ नागालैंड में हुई इस घटना पर उनके अलावा और भी कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भी अपना प्रतिनिधिमंडल नागालैंड भेज रही है. टीएमसी संसद में केंद्र सरकार को घेर भी सकती है.
नागालैंड में क्या हुआ था?
नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षा बलों की गोलीबारी की तीन घटनाओं में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने रविवार को कहा कि फायरिंग की पहली घटना संभवत: गलत पहचान का मामला है। इसके बाद हुए दंगों में एक सैनिक की भी मौत हो गई। फायरिंग की पहली घटना उस समय हुई जब कुछ कोयला खनिक शनिवार शाम पिकअप वैन में गाना गाकर घर लौट रहे थे। सेना के जवानों को गैरकानूनी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-के (एनएससीएन-के) के युंग ओंग गुट के उग्रवादियों की आवाजाही की सूचना मिली थी और इस गलतफहमी में इलाके में सक्रिय सेना के जवानों ने कथित तौर पर वाहन पर फायरिंग कर दी। जिसमें छह मजदूरों की जान चली गई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब मजदूर अपने घर नहीं पहुंचे तो स्थानीय युवक और ग्रामीण उनकी तलाश में निकले और इन लोगों ने सेना के वाहनों को घेर लिया. इस दौरान हाथापाई और झड़पों में एक जवान शहीद हो गया और सेना के वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद जवानों द्वारा की गई आत्मरक्षा फायरिंग में सात और लोगों की जान चली गई। इस घटना के खिलाफ उग्र विरोध और दंगे रविवार की दोपहर तक जारी रहे क्योंकि गुस्साई भीड़ ने कोन्याक यूनियन और असम राइफल्स कैंप के कार्यालयों में तोड़फोड़ की और इसके कुछ हिस्सों में आग लगा दी। सुरक्षा बलों द्वारा हमलावरों पर की गई जवाबी गोलीबारी में कम से कम एक और नागरिक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।
रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (कोहिमा) लेफ्टिनेंट कर्नल सुमित शर्मा ने कहा, “नागालैंड के मोन जिले के तिरु में आतंकवादियों की संभावित गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर, क्षेत्र में एक विशेष अभियान की योजना बनाई गई थी। यह घटना और उसके बाद जो हुआ वह अत्यंत खेदजनक है।” नागालैंड सरकार ने एक अधिसूचना के माध्यम से, “भड़काऊ वीडियो, फोटो या लिखित सामग्री के प्रसार” को रोकने के लिए जिले में मोबाइल इंटरनेट और डेटा सेवाओं के साथ-साथ कई एसएमएस पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो भी रविवार को दिल्ली से राज्य लौटे और अब आज प्रभावित जिले का दौरा करेंगे.
राज्य सरकार ने 5 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की
राज्य सरकार ने रविवार को मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। नागालैंड के मुख्य सचिव जे. आलम ने एक बयान में कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी, जबकि घायलों के इलाज का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्य सरकार ने शनिवार शाम हुई घटना की जांच के लिए एक पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का भी फैसला किया। आलम ने कहा कि वरिष्ठ मंत्री पी. पाइवांग कोन्याक के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल स्थिति पर नजर रखने के लिए ओटिंग गांव पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि इस टीम में पुलिस महानिदेशक भी शामिल हैं.
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल आज नागालैंड का दौरा करेगा
घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए तृणमूल कांग्रेस का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज राज्य का दौरा करेगा। तृणमूल कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि तृणमूल कांग्रेस का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल (सोमवार को) नागालैंड का दौरा करेगा और मारे गए और घायलों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाएगा. प्रतिनिधिमंडल में चार सांसद- प्रसून बनर्जी, सुष्मिता देव, अपरूपा पोद्दार और शांतनु सेन और पार्टी प्रवक्ता बिस्वजीत देव शामिल होंगे। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने नागालैंड में हुई घटना की गहन जांच की मांग की है.
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