फार्म कानून निरस्त: दिल्ली सीमा पर एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों की ‘घर वापसी’ पर फैसले का इंतजार बढ़ गया है. सरकार से बातचीत के लिए बनी पांच किसान नेताओं की कमेटी ने कहा कि अभी तक सरकार की ओर से लंबित मांगों पर चर्चा के लिए कोई संदेश नहीं आया है. इस पर किसान नेताओं ने निराशा जताई और कहा कि सरकार समाधान को लेकर गंभीर नहीं है।
किसान नेताओं ने कहा कि मंगलवार को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. एमएसपी एक्ट, मुकदमों की वापसी, मृतक किसानों के परिजनों को मुआवजा जैसी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी. समिति के सदस्य युद्धवीर सिंह ने दावा किया कि गृह मंत्री अमित शाह ने एमएसपी पर एक समिति बनाने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने का आश्वासन दिया था।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से यह भी बताया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिनियम पर समिति बनाने के लिए 5 नाम मांगे थे. कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद अन्य मांगों को लेकर सरकार से बातचीत करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से शनिवार को 5 नेताओं की कमेटी गठित की गई.
इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से किसान नेताओं से अनौपचारिक बातचीत हो रही थी. औपचारिक बातचीत के लिए किसान नेताओं की कमेटी बनने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि 7 दिसंबर तक समाधान का फॉर्मूला सामने आ जाएगा. लेकिन अब किसानों के घर लौटने का इंतजार और बढ़ गया है.हालांकि सूत्रों के मुताबिक सरकार से बातचीत की उम्मीदें अब भी बरकरार हैं. मंगलवार दोपहर सिंघू सीमा पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी।
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