प्रशांत किशोर: चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए रणनीति तैयार करने वाले प्रशांत किशोर ने चुनावी राज्यों में टीकाकरण की गति बढ़ाने की मांग की है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि चुनाव आयोग को चुनावी राज्यों में कम से कम 80 फीसदी टीकाकरण सुनिश्चित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में कम से कम 80 प्रतिशत लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक दी जानी चाहिए.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि महामारी के इस दौर में चुनाव कराने का यही एकमात्र तरीका है, बाकी सब बेकार है. कोरोना को रोकने के लिए जो भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उनका कोई उस तरह से पालन नहीं कर रहा है।
चुनाव आयोग को मतदान वाले राज्यों में कम से कम 80% लोगों के लिए 2 वैक्सीन खुराक पर जोर देना चाहिए।
धारण करने का यही एकमात्र सुरक्षित तरीका है #चुनाव एक भयानक महामारी के बीच। बाकी सब कुछ हॉगवॉश है। के लिए दिशानिर्देशों की धारणा #कोविड उचित व्यवहार जिसका कोई अनुसरण नहीं करता है वह FARCICAL है।
– प्रशांत किशोर (@PrasantKishor) 7 जनवरी 2022
बता दें कि प्रशांत किशोर फिलहाल एजेंडा 2024 की तैयारियों में लगे हुए हैं. बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी की तरफ से रणनीति बनाने का काम कर रहे हैं. हाल ही में कांग्रेस नेताओं के टीएमसी में शामिल होने के बाद प्रशांत किशोर पर आरोप लगे थे कि वह पार्टी को तोड़ने का काम कर रहे हैं. कांग्रेस छोड़ने वाले नेता लगातार प्रशांत किशोर के संपर्क में थे.
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चुनाव आयोग ने बुलाई थी बैठक
बता दें कि इससे पहले पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की ओर से बैठक बुलाई गई थी. बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त समेत अन्य सभी अधिकारी मौजूद थे. बताया गया कि इस बैठक में कोरोना के बढ़ते मामले के दौरान चुनाव कराने को लेकर चर्चा हुई. साथ ही मतदान केंद्रों को लेकर कोरोना दिशा-निर्देशों और नियमों में आवश्यक बदलाव पर भी चर्चा की गई. इसके अलावा शुक्रवार 7 जनवरी को चुनाव आयोग की बैठक भी हुई थी, जिसके बाद अब चुनाव दिशा-निर्देशों की घोषणा की जा सकती है.
इससे पहले चुनाव आयोग ने नीति आयोग और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भी बैठक की थी। बताया गया कि इस बैठक में चुनावी रैलियों में उमड़ी भीड़ को लेकर भी चर्चा हुई. चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही चुनाव आयोग ऐसी सभी बड़ी रैलियों पर रोक लगाने का फैसला ले सकता है. हालांकि इससे पहले ही कुछ राजनीतिक दलों ने अपनी रैलियां रद्द करनी शुरू कर दी हैं। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है.
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