पीएम मोदी भाषण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोगों से बेटियों के कौशल विकास का संकल्प लेने की अपील की। काशी यात्रा के दूसरे दिन उन्होंने विहंगम योग संस्थान के 98वें वार्षिक उत्सव में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, “मैं आप सभी से आज कुछ संकल्प लेने का आग्रह करना चाहता हूं। ये संकल्प ऐसे होने चाहिए जिनमें सद्गुरु के संकल्प पूरे हों और जिसमें देश की इच्छाएं भी शामिल हों। ये ऐसे हो सकते हैं। जिन संकल्पों को अगले दो वर्षों में गति दी जानी चाहिए, उन्हें एक साथ पूरा किया गया।
पीएम मोदी ने कहा, “एक संकल्प हो सकता है कि हमें बेटी को शिक्षित करना है। बेटी को कौशल विकास के लिए तैयार करना है। अपने परिवार के साथ, जो लोग समाज में जिम्मेदारी ले सकते हैं। एक या दो के कौशल विकास की जिम्मेदारी लें। गरीब बेटियां। एक और संकल्प पानी बचाने का हो सकता है। हमें अपनी नदियों, गंगा जी, सभी जल स्रोतों को स्वच्छ रखना है। प्राकृतिक खेती का संकल्प लें। लोगों को प्रेरित करने के लिए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के समय सद्गुरु ने हमें स्वदेशी का मंत्र दिया था। आज उसी भावना से देश ने अब ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ की शुरुआत की है। बनारस जैसे शहरों ने कठिन से कठिन समय में भी भारत की पहचान, कला, उद्यमिता के बीजों को संरक्षित रखा है। जहां बीज होता है, वहीं से वृक्ष का विस्तार होने लगता है। इसीलिए आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं तो वह पूरे भारत के विकास का रोडमैप भी बनाता है।
उन्होंने कहा, ‘मैं जब भी काशी आता हूं या यहां तक कि दिल्ली में रहता हूं, बनारस में हो रहे विकास कार्यों के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश करता हूं. बीती रात 12 बजे के बाद मौका मिलते ही मैं निकल गया. मेरी काशी में जो काम हो रहा है, जो काम हुआ है, उसे फिर से देखने के लिए।
पीएम मोदी ने कहा, “गौडोलिया में किया गया सौंदर्यीकरण का काम देखने लायक हो गया है। वहां इतने लोगों से मेरी बातचीत हुई। मैंने मदुवाडीह में बनारस रेलवे स्टेशन भी देखा। इस स्टेशन का भी अब कायाकल्प हो गया है। पुराने को गले लगाते हुए नवीनता को गले लगाते हुए, बनारस देश को एक नई दिशा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि काशी की ऊर्जा न केवल अक्षुण्ण है, वह हर समय नए-नए विस्तार लेती रहती है। कल काशी ने महादेव के चरणों में भव्य ‘विश्वनाथ धाम’ अर्पित किया।
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