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किसान आंदोलन का एक साल, गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ी भीड़, दिल्ली पुलिस की अपील

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किसानों के विरोध का एक साल : पिछले साल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर की ओर रुख कर रहे हैं. दिल्ली के गाजीपुर में बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए हैं. किसान संगठनों द्वारा एक साल पूरे होने के मौके पर एकजुट होने की घोषणा को देखते हुए अब एक बार फिर दिल्ली सीमा पर बड़ी संख्या में बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं साथ ही सुरक्षा बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है.

दिल्ली पुलिस की किसानों से अपील

इधर, दिल्ली पुलिस ने किसानों से अपील की कि वे कानून अपने हाथ में न लें। दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल ने कहा- किसानों द्वारा 26 नवंबर को की गई कॉल पर पुलिस की पैनी नजर है. कोई कानून अपने हाथ में न ले, इसके लिए इंतजाम किए गए हैं। हम सभी से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस का सहयोग करने की अपील करते हैं।

भारी संख्या में लोगों को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर कहा- गाजीपुर अंडरपास के पास स्थानीय पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग के कारण गाजियाबाद से दिल्ली की ओर काफी ट्रैफिक रहता है. इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस द्वारा दिल्ली की ओर जाने के लिए वैकल्पिक विकास मार्ग या जीटी रोड की ओर जाने की सलाह दी जा रही है.

पीएम मोदी ने किया कृषि कानून की वापसी का ऐलान

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के विवादित तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है. किसान संगठनों ने एक साल पूरे होने के मौके पर दिल्ली की सीमाओं पर एकजुट होने का ऐलान पहले ही कर दिया था. इसे देखते हुए अब हरियाणा, पंजाब से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं. वहीं, इस बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने पर सहमति जताई है।

इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कृषि कानून निरसन विधेयक को मंजूरी दी गई थी। बिल के जरिए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाएगा। इनमें किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) कृषि आश्वासन समझौता, कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम शामिल हैं। सरकार के मुताबिक 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन बिल को संसद में पेश किया जाएगा.

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