यूपी विधानसभा चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बीजेपी लगातार रणनीति बनाने में लगी हुई है. भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के सभी प्रभारियों और सह-प्रभारी को अपने अधीन क्षेत्र में अस्थायी आवास बनाने, किराए पर मकान लेने और अस्थायी आवास से सभी राजनीतिक गतिविधियों को करने के निर्देश दिए हैं. पार्टी ने कहा है कि सभी प्रभारी और सह प्रभारी अगले चार माह तक अस्थायी स्थान पर रहें और आम लोगों से सीधे फीडबैक लें.
यूपी चुनाव को लेकर बीजेपी की रणनीति
यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने कहा है कि प्रभारी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद रखें और ग्राउंड फीड बैक के आधार पर पार्टी की चुनावी रणनीति बनाएं. आपको बता दें कि पार्टी द्वारा किन नेताओं को अपना अस्थायी ठिकाना किस शहर में बनाने का निर्देश दिया गया है, उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी के पूर्व महासचिव और अच्छी तरह से- लखनऊ में संगठन में पारंगत। ठिकाना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
भाजपा प्रभारी व सह प्रभारी को निर्देश
यूपी चुनाव को देखते हुए अन्य सह-प्रभारी भी इन शहरों में अपना आधार बनाकर कार्यभार संभालेंगे। अनुराग ठाकुर-लखनऊ, शोभा करंदलाजे-लखनऊ, अर्जुन राम मेघवाल-आगरा, अन्नपूर्णा देवी-कानपुर, कैप्टन अभिमन्यु-मेरठ और विवेक ठाकुर-अस्थायी मकान लेकर अगले चार माह तक गोरखपुर में रहेंगे। पार्टी के निर्देश के अनुसार सभी चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी भी जरूरत के हिसाब से शहर और स्थान बदल सकते हैं लेकिन उन्हें उसी शहर में अस्थायी आधार बनाना होगा.
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि पार्टी के चुनाव प्रभारी को एक अस्थायी ठिकाने में रहने का निर्देश दिया गया है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 2014 में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे और उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे, उन्होंने एक इलाके को किराए पर लिया था। लखनऊ। पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय पिछले पांच साल से कोलकाता में किराए पर रह रहे थे।
प्रकाश जावड़ेकर बैंगलोर के सदाशिव नगर और जयपुर के सिविल लाइंस क्षेत्र में किराए पर मकान ले रहे थे, जब प्रकाश जावड़ेकर कर्नाटक के चुनाव प्रभारी बने और बाद में उसी वर्ष क्रमशः वर्ष 2018 में भूपेंद्र यादव एक कार्यकर्ता थे। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में गांधीनगर में। भाजपा के सदन में चुनाव तक अस्थाई ठिकाना बना रहे थे, ऐसा कई बार हो चुका है जब भाजपा के कई चुनाव प्रभारी राज्य की राजधानी में किराए पर मकान लेकर चुनाव तक अस्थाई ठिकाना बना रहे हैं.
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