नकली YouTube चैनल प्रतिबंध: सरकार ने 35 YouTube चैनलों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है जो सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ प्रचार का जहर उगल रहे हैं। इनमें से ज्यादातर चैनल पाकिस्तान से संचालित हो रहे हैं। इन सोशल मीडिया चैनलों पर आईटी एक्ट के इमरजेंसी प्रावधान का इस्तेमाल कर कार्रवाई की गई है। पिछले एक महीने में अब तक 50 से ज्यादा ऐसे फेक न्यूज चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा के मुताबिक यह भारत के खिलाफ प्रचार की सूचना युद्ध की तरह है. जिसमें पूरी तरह से निराधार और घोर भारत विरोधी बातों को समाचार के रूप में परोसा जा रहा था।
उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियों से मिली सूचना के बाद इस मामले में तत्काल कार्रवाई की गयी. चंद्रा ने यूट्यूब, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसी बिचौलियों से ऐसी व्यवस्था बनाने का आग्रह किया ताकि तथ्यात्मक और भ्रामक जानकारी वाली सामग्री लोगों तक न पहुंचे।
यूट्यूब पर 135 करोड़ से ज्यादा व्यूज बटोर चुके इन फर्जी मीडिया हैंडल्स को भारत-चीन सीमा पर तनाव, दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर हादसे की बेबुनियाद और झूठी जानकारी पेश की जा रही थी. इन फर्जी मीडिया आउटलेट्स की पैठ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत विरोधी झूठी और मनगढ़ंत जानकारी देने वाले YouTube चैनलों ने 12 मिलियन सब्सक्राइबर बटोरे थे।
मंत्रालय में संयुक्त सचिव विक्रम सहाय ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 65 के तहत प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि इस फैसले पर मंजूरी के लिए सोमवार को रक्षा, विदेश, गृह समेत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के प्रतिनिधियों वाली अंतर-मंत्रालयी समिति की बैठक भी बुलाई गई है.
यह पहली बार नहीं है जब यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इससे पहले दिसंबर में भारत में 20 YouTube चैनलों को IT अधिनियम के प्रावधानों का उपयोग करके प्रतिबंधित कर दिया गया था। वहीं, बाद में यूट्यूब ने भी इन्हें ग्लोबली बैन कर दिया। भारत सरकार ने आशा व्यक्त की कि सोशल मीडिया कंपनियां न केवल भारत में बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी ऐसे चैनलों और उनकी सामग्री पर प्रतिबंध लगा देंगी। ताकि गलत जानकारी न फैले।
सरकार ने साफ कर दिया है कि सोशल मीडिया पर निगरानी जारी है और खुफिया एजेंसियां भारत विरोधी सामग्री पेश करने वाले हैंडल पर नजर रख रही हैं। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भी आम लोगों से अपील की है कि अगर वे इंटरनेट पर भारत विरोधी झूठ फैलाने वाले हैंडल देखते हैं तो रिपोर्ट करें।
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