दिल्ली रोहिणी कोर्ट ब्लास्ट केस: दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में 9 दिसंबर को ब्लास्ट हुआ था. इस धमाके की वजह का पता लगाने के लिए पुलिस द्वारा की गई जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल जांच में सामने आया है कि यह धमाका रिमोट के जरिए किया गया। गिट्टी के लिए बारूद के रूप में पोटैशियम क्लोराइड और अमोनियम नाइट्रेट का पाउडर बनाया जाता था। 12 वोल्ट की बैटरी भी लगाई गई थी।
जांच एजेंसियों ने कहा कि उन्हें एक रिमोट ट्रिगर बॉक्स भी मिला है। साथ ही उसे संदेह है कि विस्फोट का यह बम इंटरनेट से देखने के बाद बनाया गया होगा। हालांकि बम बनाने वाले ने इसे ठीक से नहीं बनाया क्योंकि इसमें कई खामियां थीं। एजेंसी का कहना है कि अगर बम ठीक से बनाया गया होता तो बड़ा नुकसान हो सकता था।
अभी तक साजिशकर्ताओं का खुलासा नहीं हो पाया है
हालांकि इतने दिन बीत जाने के बाद भी इस पूरी घटना के पीछे कौन था इसका अभी पता नहीं चल पाया है। विस्फोट मामले की जांच को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली पुलिस की टीम अब तक 50 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी है, इतना ही नहीं स्पेशल सेल की टीम ने रोहिणी कोर्ट और उससे लगे मोबाइल टावर से डंप डेटा भी लिया है.
पुलिस जांच कर रही है
यह डंप डेटा ब्लास्ट के 2 घंटे पहले और 2 घंटे बाद लिया गया है। रोहिणी कोर्ट के एक किलोमीटर के दायरे में जितने भी नंबर ब्लास्ट के वक्त एक्टिव थे, उन सभी नंबरों की बारीकी से जांच की जा रही है. पुलिस इन सभी नंबरों को छानकर संदिग्धों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
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