किसानों के विरोध पर नरेंद्र सिंह तोमर: किसान संगठनों ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वालों के नाम तो बताए हैं, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस मामले को लेकर पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया. मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे नरेंद्र सिंह तोमर ने मुआवजे के लिए भेजे गए नामों पर कुछ नहीं कहा. हालांकि उन्होंने इस दौरान कहा कि किसानों से जुड़े कृषि सुधार कानूनों को वापस ले लिया गया है. साथ ही किसानों की एमएसपी व अन्य मांगों को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है. अब कोई विषय नहीं बचा है।
इस दौरान कृषि मंत्री ने किसानों से सामान्य काम पर लौटने की अपील की. गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एक दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे थे, जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत की और एक निजी कार्यक्रम में शिरकत कर आज दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
अभी खत्म नहीं होगा आंदोलन
सभी मांगें पूरी होने तक किसान अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। यह फैसला आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को धरना स्थल और दिल्ली की सीमा से लगे सिंघू सीमा पर हुई बैठक में लिया. इसके साथ ही पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जिसमें बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चधुनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का और अशोक धवले को आगे की रणनीति और केंद्र सरकार से बातचीत के लिए शामिल किया गया है.
केंद्र सरकार को दिया दो दिन का समय
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बैठक में केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिनियम की गारंटी, मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को उठाने के लिए दो दिन का समय दिया गया है. एसकेएम ने कहा कि 7 दिसंबर को फिर से मोर्चा की बैठक होगी. बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उन्हें आंदोलन में मारे गए लोगों की जानकारी नहीं है.
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