उइगर मुसलमान: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन के शिनजियांग प्रांत से आयात पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। जैसे ही उन्होंने इस बिल पर हस्ताक्षर किए, अब यह बिल कानून बन गया है। जिसके अनुसार अब चीन के शिनजियांग प्रांत से अमेरिका में आयात होने वाले किसी भी सामान और उस क्षेत्र में जबरन मजदूरी के लिए जिम्मेदार विदेशियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने इस संबंध में एक ट्वीट में लिखा कि आज मैंने द्विदलीय उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम पर हस्ताक्षर किए। जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि चीन में किसी भी अल्पसंख्यक को बंधुआ मजदूरी के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है, तब तक संयुक्त राज्य अमेरिका बंधुआ मजदूरी से जुड़ी हर आपूर्ति श्रृंखला को खत्म करने के लिए काम करना जारी रखेगा।
आज, मैंने द्विदलीय उइगर जबरन श्रम रोकथाम अधिनियम पर हस्ताक्षर किए। संयुक्त राज्य अमेरिका हमारे निपटान में हर उपकरण का उपयोग करना जारी रखेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिनजियांग और चीन के अन्य हिस्सों से आपूर्ति श्रृंखला जबरन श्रम के उपयोग से मुक्त हो। pic.twitter.com/kd4fk2CvmJ
– राष्ट्रपति बिडेन (@POTUS) 23 दिसंबर, 2021
व्हाइट हाउस से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 23 दिसंबर 2021 से चीन के उइघुर मुस्लिम बहुल क्षेत्र शिनजियांग से आने वाले किसी भी आयातित सामान या व्यक्तियों को संयुक्त राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अमेरिकी सरकार ने यह फैसला चीन में अल्पसंख्यक नागरिकों के मानवाधिकारों के लगातार उल्लंघन को देखते हुए लिया है।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी सीनेट और उसके निचले सदन के प्रतिनिधियों ने भारी समर्थन के साथ इस विधेयक को पारित किया था। कानून संयुक्त राज्य अमेरिका में शिनजियांग से सीधे आयात किए गए सामान, कच्चे माल, लेखों और सामानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाता है जो कि उइगर, कज़ाख, किर्गिज़, तिब्बतियों या चीन द्वारा सताए गए समूहों के सदस्यों द्वारा बनाए गए हो सकते हैं।
इस बिल में बाइडेन प्रशासन ने उन जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों पर भी रोक लगा दी है जो वहां के अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने और उन्हें अनैच्छिक श्रम करने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. अमेरिका की यह कार्रवाई बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 के बहिष्कार अभियान का एक हिस्सा है। गौरतलब है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने पांच अन्य देशों के साथ चीन में हो रहे मानवाधिकारों के हनन के विरोध में बीजिंग ओलंपिक के राजनयिक बहिष्कार की घोषणा की है।
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