पाकिस्तान कीखबरें: वहीं अगर इस टेप को सच माना जाए तो यह बिल्कुल साफ हो जाता है कि तीन साल पहले इमरान खान सेना की वजह से ही सत्ता में आए थे, उनमें कोई करिश्मा नहीं था और न ही उन्हें इतने वोट मिले थे। कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए. -इंसाफ (पीटीआई) सरकार बना सकती थी। एक पाकिस्तानी खोजी पत्रकार द्वारा की गई खुफिया रिपोर्ट में ऑडियो शामिल है जिसमें पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एक अज्ञात व्यक्ति से कह रहे हैं कि पाकिस्तान में न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है, यह सेना के दबाव में है। यह टेप साल 2018 में हुए आम चुनाव से कुछ दिन पहले का है। तब इमरान कंटेनर पर चढ़कर इस्लामाबाद में रैलियां कर रहे थे। नवाज पर भ्रष्टाचार, चोरी और सेना को बदनाम करने के आरोप लगे थे।
बाद में पनामा पेपर्स लीक और अन्य मामलों में नवाज को 10 साल की सजा सुनाई गई जबकि बेटी मरियम को 8 साल की सजा सुनाई गई। उसे जेल भेज दिया गया। इसके बाद से नवाज इलाज के लिए लंदन गए और अभी तक वापस नहीं लौटे हैं। मैरी ने सजा के खिलाफ अपील की। हालांकि मामला लंबित है।
ऑडियो टेप में कही गई ये बातें
टेप में जस्टिस निसार सामने वाले से कहते हैं कि मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि दुर्भाग्य से हमारे पास ऐसे इदार (विभाग और यहां मतलब शक्तिशाली सेना) हैं जो जजों को फरमान जारी करते हैं। अब वे कह रहे हैं कि मियां साहब (नवाज शरीफ) को सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि हमें खान साहब (इमरान खान) को लाना है। सामने वाला कहता है- नवाज शरीफ को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन बेटी को सजा नहीं। इस पर जस्टिस निसार कहते हैं- हां, इससे न्यायपालिका पर भी सवाल उठेंगे.
रिपोर्ट के बाद किया गया घातक हमला
वहीं हैरान करने वाली बात यह है कि पत्रकार अहमद नूरानी की इस रिपोर्ट के बाद ही बुधवार की देर शाम लाहौर में उनकी पत्नी पत्रकार अंबरीन फातिमा पर हमला कर दिया गया. वह भी तब जब वह अपने छोटे बच्चों और बहन के साथ कार से कहीं जा रही थी। हमलावर ने कार का शीशा तोड़ दिया और जान से मारने की धमकी दी। वहीं कांच के टुकड़ों की चपेट में आने से अंबरीन घायल हो गईं लेकिन किसी तरह वह बच्चों को बचा सकीं.
टेप जारी करने से पहले की गई फोरेंसिक जांच
इस टेप को जारी करने से पहले पत्रकार अहमद नूरानी ने अमेरिका में इसकी फोरेंसिक जांच कराई, ताकि बाद में कोई यह आरोप न लगा सके कि यह टेप जाली है। खास बात यह है कि टेप सामने आने के बाद जस्टिस निसार ने खुद माना था कि टेप में आवाज उनकी ही है. हालांकि सफाई में कहा गया कि इसमें कुछ पुराने पीस जोड़े गए हैं। वहीं, अमेरिकी फोरेंसिक कंपनी ने ‘द डॉन’ अखबार से बातचीत में मंगलवार को यह भी साफ कर दिया कि यह टेप पूरी तरह से ओरिजिनल है और इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है. हालांकि अहमद नूरानी की पत्नी पर हुए हमले से साफ है कि इस टेप ने पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल ला दिया है और पाकिस्तानी एजेंसियां पत्रकारों की आवाज को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा रही हैं.
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