रोहिंग्या मुसलमानों ने फेसबुक से मांगे 150 अरब डॉलर: रोहिंग्या मुसलमानों ने फेसबुक की मूल कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ मुकदमा दायर कर 15,000 मिलियन डॉलर (करीब 11.3 लाख करोड़ भारतीय रुपये) का हर्जाना मांगा है। रोहिंग्या मुसलमानों ने फेसबुक पर सैन्य शासकों और उनके समर्थकों द्वारा म्यांमार में रोहिंग्या लोगों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाली घृणास्पद पोस्ट को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया है। कैलिफोर्निया में सोमवार को मुकदमा दायर किया गया।
क्या कहा वकीलों ने?
मुकदमा दायर करने वाले वकीलों ने कहा है कि म्यांमार में फेसबुक के आने से हिंसा भड़काने वाली सामग्री का प्रसार हुआ। जिसके चलते बाद में ‘रोहिंग्या समुदाय का जनसंहार’ हुआ। आपको बता दें कि रोहिंग्याओं के खिलाफ हमलों की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने 2018 में कहा था कि ‘फेसबुक ने नफरत फैलाने वाली सामग्री के प्रसार में भूमिका निभाई’। फेसबुक ने म्यांमार में 2011 में काम करना शुरू किया था।
‘हिंसा में मारे गए 10,000 से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान’
मुकदमा दायर करने वाली कानूनी फर्म के अनुसार, हिंसा में 10,000 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान मारे गए और 150,000 से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों को सताया गया। मुकदमे में हिंसा भड़काने के लिए फेसबुक के एल्गोरिथम को जिम्मेदार ठहराया गया है। मामले में कहा गया है कि फेसबुक के एल्गोरिदम ने रोहिंग्याओं के खिलाफ नफरत भरे भाषण प्रसारित किए और कंपनी ने इसे रोकने के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं की।
2017 में म्यांमार में हिंसा हिंसा थी
गौरतलब है कि साल 2017 में म्यांमार में हुई हिंसा और दमन के बाद करीब 10 लाख रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में शरण लेने को मजबूर हुए हैं. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र की पहल के तहत करीब 10,000 शरणार्थियों को विभिन्न देशों में आश्रय दिया गया है।
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