अपने ट्विटर थ्रेड में वह पहली बार हिजाब पहने नजर आ रही हैं। हिजाब की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “इस्लामिक गणराज्य, तालिबान और आईएसआईएस हमें इस तरह देखना चाहते हैं।” लेकिन फिर उन्होंने वह हिजाब उतार दिया और कहा, ‘यह मेरा असली रूप है। ईरान में मुझसे कहा गया था कि अगर मैंने अपना हिजाब उतार दिया तो मुझे अपने बालों से लटका दिया जाएगा, कोड़े मारे जाएंगे, जेल में डाल दिया जाएगा, जुर्माना लगाया जाएगा, हिजाब न पहनने पर पुलिस मुझे हर दिन पीटेगी, मुझे स्कूल से निकाल देगी और अगर मैं रेप किया तो गलती मेरी होगी। “उसने आगे कहा कि मुझे सिखाया गया था कि अगर मैं अपना हिजाब हटा दूं तो मैं अपनी मातृभूमि में एक महिला की तरह नहीं रह पाऊंगी।”
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मेरी सभी बहनें जिन्होंने शरिया कानूनों के तहत क्रूरता का अनुभव किया है, अब एकजुट हैं। ईरान, अफ़ग़ानिस्तान और पूरे मध्य पूर्व की महिलाएं जिन्हें अब भी आज़ादी और सम्मान की मांग के लिए कोड़े, जेल, मारे गए और अपनी मातृभूमि से बाहर निकाल दिया जाता है, अब दुनिया से पूछ रही हैं: #चलो हम बात करते हैं pic.twitter.com/pOT4BFp0kM– मसीह अलीनेजाद ️ (@AlinejadMasih) 18 जनवरी 2022
इस्लामिक कानूनों से डरते हैं
मसीह अलीनेजाद आगे कहते हैं कि यहां भी पश्चिम में मुझे चुप रहने को कहा गया। लोगों का मानना था कि अगर मैं उनके खिलाफ आवाज उठाऊंगा और अपनी कहानियां लोगों तक पहुंचाऊंगा तो इस्लामोफोबिया के लिए मैं जिम्मेदार होऊंगा। उसने कहा कि मैं मध्य पूर्व की एक महिला हूं और मुझे इस्लामी कानूनों से डर लगता है। एक फोबिया एक तर्कहीन डर है, लेकिन मेरा और मध्य पूर्व में शरिया कानून के तहत रहने वाली कई महिलाओं के डर के पीछे एक तर्क है, लेट्स टॉक।’
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आप कितने देशों को जानते हैं कि महिलाएं जेल में हैं या होने की वजह से कोड़े लगते हैं #फ्रीफ्रॉमहिजाब,
कम से कम 5 अनिवार्य हिजाब विरोधी कार्यकर्ता जेल में हैं। सबा कोर्दाफशरी केवल 20 वर्ष की थीं, उन्हें 27 साल की जेल की सजा मिली और यासमान को 16 साल की सजा मिली। #चलो हम बात करते हैं– मसीह अलीनेजाद ️ (@AlinejadMasih) 18 जनवरी 2022
क्रूरता के खिलाफ चुप नहीं बैठने का फैसला किया
दरअसल, इस वीडियो के जरिए क्राइस्ट महिलाओं को आगे आने और इस्लामिक कानूनों के बारे में बात करने के लिए कहने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने अपने वीडियो के कैप्शन में Let Us Talk के हैशटैग का भी इस्तेमाल किया है। जिसे देखकर साफ है कि शरीयत कानून के रूप में महिलाओं पर हो रही क्रूरता के खिलाफ अब ईसा खामोश नहीं बैठेंगे.
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