जब 1500 रुपये देखकर कांपने लगे कादर खान: हिंदी सिनेमा के शानदार अभिनेता और संवाद लेखक कादर खान ने अपने करियर में काफी सफलता देखी। हालाँकि, उनका बचपन अत्यधिक गरीबी में बीता। अभिनेता का बचपन कमाठीपुरा की झुग्गी बस्ती में बीता। उनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि कई बार परिवार के सदस्यों को खाली पेट सोना पड़ता था। वहीं मां की वजह से कादर खान कॉलेज में पढ़े। कादर खान कॉलेज में नाटकों में हिस्सा लिया करते थे। वे नाटक लिखते थे। कादर खान ने उस दौरान एक नाटक में हिस्सा लिया था। उनके नाटक को कई पुरस्कार मिले। उस जीत में कादर खान को 1500 रुपए इनाम के तौर पर मिले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने पहली बार पंद्रह सौ रुपये एक साथ देखे.
इस किस्से का जिक्र कादर खान ने अपने एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने कहा था, ‘ऑल इंडिया ड्रामेटिक कॉम्पिटिशन में मेरा लोकल ट्रेन नाम का नाटक हुआ। जिसे बेस्ट राइटर, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टर के सारे अवॉर्ड मिले। उस समय मुझे 15 00 रुपये नकद इनाम के रूप में मिले थे। तब मैंने अपने जीवन में पहली बार पंद्रह सौ रुपये एक साथ देखे थे। मेरे पैर कांपने लगे कि मेरे हाथ में पंद्रह सौ रुपये हैं। अगर 300 रुपये पाने वाले के हाथ में 1500 रुपये आ जाए तो उसका क्या होगा।
आपको बता दें कि कादर खान ने साल 1973 में राजेश खन्ना की फिल्म दाग से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। अपने करियर में उन्होंने गोविंदा और अमिताभ बच्चन के साथ सबसे ज्यादा फिल्में की हैं। गोविंदा के साथ कादर खान की जोड़ी को लोगों ने खूब पसंद किया. उन्होंने साथ में ‘हीरो नंबर वन’, ‘कुली नंबर वन’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘राजा बाबू’, ‘दुल्हे राजा’ और ‘आंखें’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया।
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